दाऊद इब्राहिम को पकडने की दो नाकाम कोशीशे ? Dawood kab ka pakda ja chuka hota?


आप सभी को दाऊद इब्राहिम के बारे मे पता ही होगा मुंबई ब्लास्ट के बाद दाऊद को मोस्ट वॉन्टेड घोषित किया गया | क्या आप जाणते हे की दाऊद को पकडणे की दो कोशिशेे की गयी थी| तो जानते हे  

Dawood ibrahim arest
Dawood Ibrahim
    

दाऊद इब्राहिम को पकडणे की दो कोशिशे - Two attempts to catch Dawood Ibrahim

1) operation hyatt hotel

      दाऊद इब्राहिम को पकडणे की बोहोतशी कोशिशेे की गयी लेकिन जो रेकॉर्ड पर हे उनके बारे मे जाणते हे |
    2005 को दोऊद को मारणे की पुरी प्लॅनिंग की गयी थी हुआ ये था अचानक 1 मई २००५ को ये खबर फेल गयी की दाऊद की बेटी माउक शेख का जो निकाह हे वो पाकिस्तान के success full बॅट्समन जावेद मियांदाद  के बेटे जुनेद के साथ मक्का मे हुआ | तो इस खबर से हमारी एजेंसीयोके कान खडे हो गये क्यूकी इस शादी से ऐसी तसवीरेे, विडिओ आ सकते थे जिससे साफ हो सकता था कि दाऊद पाकिस्तान मे ही हे क्यू कि पाकिस्तान साफ मना करता हे कि दाऊद पाकिस्तान मे हे | अब निकाह के बाद दावत ए वलीमा भी होना था अब दाऊद और मियांदाद चाहते थे कि दावत ए वलीमा पाकिस्तान मे हो लेकिन पाकिस्तान एजेंसी isi और पाकिस्तान आर्मी ये नहीं चाहते कि दावत ए वलीमा पाकिस्तान मे हो इससे दुनिया को ये पता चला जायेगा कि पाकिस्तान ने दाऊद को पनाह दे रखी हे अब ये तय हुआ कि दावत ए वलीमा दुबई मे होगा दुबई कि grand Hyatt hotel इसलिये चुना गया था इसका जो कार्ड छपा था वो मीडिया के हाथ लगाथा तो पेहली बार हमारी एजेंसीयोके पुकता जाणकारी थी कि दाऊद कोणासी तारीख कितने बजे मोजुत हो सकता हे इतनी informestion कभी नहीं मिली थी उस वक्त 5 मेहनेे पहिले ही अजित डोबल अपने पद से रिटायर हो गये थे इस खबर से ये तय हो गया कि grand Hyatt hotel मे एक ऑपेरेशन को अंजाम दिया जाय या तो दाऊद को पकडा जाय या उसे मार दिया जाय और ये तय हुआ कि इसेे पुरी तरह गुप्त रखना हे इसमे गव्हर्मेंट या कूच इन्व्हॉल नहीं दिखाना चाहिये तब इस बारमे अजित डोबल से बात कि गयी क्यू कि डोबल dawood पर काफी काम कर चुके थे इसलिये रिटायर होने के बात भी डोबल को इस ऑपेरेशन का हेड बनाया गया |


डोबल ने फिर जो प्लॅनिंग कि वो ये थी की इस ऑपेरेशन को सरकारी athority से ना कराया जाय इसको भाहरी लोगोसे से कराया जाय इसके बात ये तय हुआ की इसमे छोटा राजन को शामिल किया जाय क्यूकी उस वक्त dawood का सबसे बडा दुश्मन chota rajan था और वो एक दुसरे के जान के प्यासे थे chota rajan की मंजुरी से उसने अपने दो बेहतरीन विकी मल्होत्रा और फरीब ताना शाह इन शार्प शुटर को इस काम केलीये लगा दिया | इन दोनो को बेकायदा हिंदुस्थान लाया गया तब ये वॉन्टेड होनेे की बजासे इन्को नेपाल के रास्ते लाया गया और इन्को सारी ट्रेनिंग दि गयी ट्रेनिंग देने के बात अब इन्को 23 जुलै 2005 को इस ऑपेरेशन को अंजाम देना था अब इनके ट्रॅव्हल डोकमेंट्स तयार हुये दुबई की फ्लाईट की तिकीट निकाली अब सारा काम हो गया था अब इने सिर्फ वहा जाना था और मौका मिलते ही अपना काम करना था
अब ये पुरा ऑपेरेशन ib (intelligence bureau) का था और कूच गिने चुने लोगो को इसके बारमे पता था और वो दोनो शार्प शुटर भारतीय कानून वेवस्ता मे गँगस्टर थे और इन्की भारतीय कानून को तलाश थी अब सब कूच प्लॅनिंग के हिसाब से चला रहा था तो अचानक ये खबर मुंबई पोलीस से लीक होगयी क्यूकी dawood सबसे जादा मुंबई पोलीस के लिये वॉन्टेड था वो सब भी इसमे नजर गडाये थे और बहोतसे पोलीस dawood के पेरोल पर पलते थे और ये ऑपेरेशन गोपनीय था |

इस ऑपेरेशन कूच दिन पहले ही अजित डोबल दिल्ली के फाईव्ह स्टार हॉटेल मे ऊन दोनो को समजा रहे थे की क्या करना हे कैसे करना हे तभी अचानक कमरे की घंटी बजती हे और जैसी ही दरवाजा खुलता हे बाहर मुंबई के दिपट्टी कमीशनर धनंजय कमलाकर और उनकी टीम कमरे मे दाखल हो जाती हे अजित डोबाल भी चौक उठते हे और पुचते हे तो धनंजय कमलाकर केहते हे की हमारे पास वारंट हे की ये दोनो सरद पार से आये हे और हमारे पास ये जाणकारी हे की ये यहा किसी बडे नेता या बीसन्समँन को मारणे आये हे हमारे पास खास इनपुट हे इसलिये हम इस केस को लगातार ट्रॅक कर रहे हे और ये यहा होनेकी हमारेे पास जाणकारी थी और वो उनको गिरफरतार कर लेते हे अजित डोबाल उणे सारी बात समझाते हे लेकिन वो मानने को तयार नहीं क्यूकी उस वक्त अजित डोबाल रिटायर हो चुके थे और ये ऑपेरेशन गुप्त था साथ इस ऑपेरेशन मे ऑफिसिअल कूच नहीं था सब अनऑफिसिअल था कागज पे कूच नहीं था फिरभी वो उनको काफी समजाते हे फिर भी वो मानते नहीं और ऊन शुटर को मुंबई ले जाते हे तबतक अजित डोबाल अपने सिनियर से बात करते हे लेकिन तब् तक गिरफरतारी की खबर फईलाइ जाती हे केहते हे की dawood को पेहले ही पता था की छोटा राजन ने उसकेे शुटर भेजे हे उसने अपने मुंबई पोलीस लिंक का इस्तमाल किया और ये ऑपेरेशन नाकाम साबित हुआ ये बात खुद अजित डोबाल और r.k.singh जो हमारे 2005 मे होम सेक्रेटरी थे उनोने बताया हे |

               

2)operation kill dawood

    2011मे बहोतसी चीजे आरही थी dawood ibrahim का ठिकाना,पत्ता सब पब्लिक डोमेन मे था  वो सब news chanel पे चलता रहा था तो दाऊद को कराची से कैसे बाहर निकाला जाय जिंदा लाया जाय या उसे मारदिया जाय इसके लिये अपनी जो ROW हे उसने एक प्लॅनींग बनाइ उसपे काम किया और 2011 मे ये operation kill dawood के नाम से शुरु हुआ|
      
     इसके लिये जो row के एजेंट थे जाबाज थे ऐसे 9 लोगो को सिलेक्ट किया गया उणे नाम दिया गया super boy ये लोग अलग अलग देशोमे कार्यरत थे अब इन सभीको बेकायदा जो इजराइल खुफ़िआ एजेंसी मोसाद हे उनके जरीये ट्रेनिंग दिगयी ट्रेनिंग पुरी होने के बाद इन्को दाऊद की तस्वीरे, विडिओ जो अपने पाकिस्तान मे एजेंट थे उनके जरीये आरही थी वो बार बार दिखाइ गयी ये ट्रेनिंग करीब देड साल चली अब ट्रेनिंग खतम होने के बाद इन्को अलग अलग देश यांनी सुटान,नेपाल,बांगलादेश के पास्टपोट के जरीये पाकिस्तान भेजा गया अब ये सब कराची पहुचते हे कराची मे अब इने हत्यार दिये जाते हे और बाकी चीजे वहा बताइ जाती हे पाकिस्तान मे जो भी दाऊद के दुश्मन थे और बाकी जो अपने अंडरकव्हर एजेंट थे उनसे पुरी जाणकारी ली गयी
  अब इनसबकी मदत से ये तय हुआ की कराची का जो क्लिफटन रोड हे उसे टारगेट बनाया जाय क्यूकी दाऊद का वहा जादा आनाजाना था और क्लिफटन रोड का वो बंगला और पत्ता सबके पास था तब दाऊद पर नजर रखना शुरु हुआ तो ये पता चला की दाऊद शाम 4 से 6 के बीच फ्रायडे छोडकर वो क्लिफटन रोड से 5 किलोमिटर दूर एक defence housing society वहा वो जाता हे वहा पे जो पूर्व रिटायर आर्मी के लोग होते हे उंसे मुलाकात करता हे ये उस्का रोटीन था तो तय हुआ जो करना हे इसी 5 k. के अंदर करना हे फिर उस रस्तेे की पुरी निगरानी और छानबीन की गयी अब ये था गोली चलाने के बात वहा पे जो जो भी एजेंट हे वो भाग जाय कोइ भी पकडा ना जाय इसी 5 km. मे शहा अब्दुल्ला दर्गा पडती हे तो तय हुआ यही dawood पर अटॅक करना हे क्यूकी वहा से भागना आसान था

  13 डिसेंबर 2013 को तय हुआ दाऊद पर अटॅक करना हे और तय तारीख को अपने सुपर बॉय यांनी एजेंट तयार थे आगे कोण पीछे कोण पेहली गोली कोन चलायेगा ये सब उनके सिनियर ने उन्हे समझा दिया था तय वक्त पर दाऊद अपने बंगले से निकलता हे अपनी मर्सिडीज ५ क्लास कार मे और आगे पीछे लँड क्लुुुुजर थी उसमे उसकी सिक्योरिटी के लोग थे ये गाडीया निकलती हे उधर पुरी तयारी हो चुकी थी शाम करीब 4.15 बजे जिस स्पॉट को चुना गया था वहा पे जैसे ही ये काम करना था उसी बीच इनके जो सिनियर थे जिनके ऑर्डर सब को मानने थे उनको एक फोन कॉल आता हे और फोन पर कहा जाता हे की मिशन को कॅन्सल कर दो सिनियर ऑफिसर बाकी सबको ऑपेरेशन रोकने का इशारा देता हे और ये ऑपेरेशन रोक दिया जाता हे लेकिन अभितक ये नहीं पता चलाकी की ये कॉल किसका था नाहीं एजेंसीयोने भी इस कॉल के बारमे कुछ नहीं बताया क्यूकी ये ऑपेरेशन गुप्त था इस तरह dowooको मारणे का ऑपेरेशन एक कॉल बजेसे नाकाम हो गया

आपको ये इन्फॉर्मशन कैसी लगी comment मे बतायें

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