आलिया भट्ट स्टारर फिल्म "गंगूबाई काठियावाड़ी" का आज टिजर रिलीज किया गया हे। फिल्म को डायरेक्ट संजय लीला भंसाली कर रहे हे। फिल्म का टिजर रिलीज होते ही सोशल मीडिया पर आलिया भट्ट चर्चा वो में आ गई और आलिया भट्ट के साथ ही 'गंगूबाई काठियावाड़ी' के नाम के भी चर्चा सोशल मीडिया पर चल रही हे। कोंन हे असल में गंगूबाई काठियावाड़ी जिनके ऊपर फिल्म बनायीं जा रही हे। हम आज जानेंगे मुंबई की माफिया क्वीन गंगुबाई काठियावाड़ी- Gangubai Kathiawadi के बारे में।
कोण थी गंगुबाई काठियावाड़ी
घर की एकलौती बेटी गंगूबाई काठियावाड़ एक सम्मानित परिवार से वास्ता रखती थी। लेकिन आगे चलकर जीवन की कठीन परिस्थितीयो ने उसे मुंबई की माफिया क्वीन बनाया। गंगुबाई मुंबई की पहली महिला डॉन थी। गंगुबाई ६० के दशक में वह एक कोठा चलाती थी आगे चलकर जिसकी पुरे देश में कई सारी ब्रांचेस भी बनी थी।
प्रारंभिक जीवन
१९३९ को गंगुबाई का गुजरात के काठियावाड़ नाम के स्थान पर जन्म हुआ था। गंगुबाई के परीवार के लोग बेहद पढ़े लिखे और सम्मानित थे जो बेटियों को पढ़ा-लिखा कर जीवन में आगे बढाने में अपना विश्वास रखते थे। गंगुबाई इस परिवार की एक लौती बेटी थी जिसे उसके पिता अच्छेसे पढ़ा लिखाकर जीवन में कुछ बनाने की चाहत रखते थे। लेकिन गंगुबाई कुछ और ही चाहती थी उसे पढाई लिखाई मे बिल्कुल भी दिलचस्पी नही थी।वो फिल्मो की बहुद बड़ी शोकिन थी वह हमेशा से ही अपने जीवन में मुंबई जाकर हिरोइन बनने का सपना देखती थी और उसे कैसे भी करके मुंबई जाना था। ताकि वहा जाकर वो फिल्मो में काम कर सके।
रमणीक से शादी
गंगुबाई के पिताजी के पास एक लड़का अकाउंटेंट का काम करता था जिसका नाम रमणीक था। रमणीक गुजरात मे काम करने से पहले वह मुंबई में रहा करता था। गंगुबाई को जैसे ही ये बात पता चली की रमणीक पहले मुंबई में रहता था। तो वह रमणीक के पास बैठकर मुंबई के बारे में जानती थी। रोजाना रमणीक से बाते करते करते उनमे धीरे धीरे दोस्ती हो गयी और कुछ समय बाद ही ये दोस्ती प्यार में बदल गयी। गंगुबाई रमणीक के प्यार में इतनी पागल हो चुकी थी की जल्द से जल्द वो रमणीक से शादी करना चाहती थी। लेकिन उसे अपने परिवार वालो का डर सताता था उसे पता था की इतने आसानी से परिवार के लोग रमणीक से उसकी शादी नही करा देगे। १६ साल की उम्र में वह रमणीक साथ घर से भाग गयी और एक मंदिर में जाकर उन दोनोने आपस में ही शादी कर ली।
गंगुबाई को कोठे पर बेच दिया
शादी करने के बाद गंगुबाई और रमणीक दोनो ही गुजरात से मुंबई चले गये। जहा पर वह कुछ दिन साथ रहे लेकीन कुछ दिनोके के पश्चात ही रमणीक ने गंगू को यह कहकर १ औरत के साथ भेज दिया कि यह मेरी मौसी हे। में हम दोनों केलिए एक अच्छा सा घर देखता हु तब तक तुम मेरी मौसी के साथ उनके घर जाकर रहो। में अच्छासा घर मिलते ही तुमे लेने आ जाऊगा।यह केहकर रमणीक ने गंगू को एक कोठी वाली को ५०० रूपए में बेज दिया। गंगुबाई इस झूट के बारे में नही जानती थी की वो जिसके साथ जा रही वह रमणीक की मौसी नही बल्की मुंबई के कमाठीपुरा नामक जगह की महशुर वैश्या बाजार की कोठे वाली हे।
गंगुबाई बनी कोठेवाली
सब चीजो से अंजान गंगुबाई को अब समज आया की उसके पति ने उसे कुच पैसो केलिए कोठे पर बेच दिया। अपनी हालात से गंगू को जल्द ही समझौता करना पड़ा। तब वहा कोठे पर बहोत से इलाके के बदमाश लोग आया करते। ऐसे ही एक दिन शौकत खान नाम का गुंडा बदमाश कोठे पर आया और उसने गंगुबाई के साथ जबरदस्ती करने लगा। उसने पूरी रात गंगू का बेहरहमी से शोषण किया। इससे गंगुबाई की हालत बहुत ज्यादा ख़राब हो गयी। शौकत खान अपनी हवस पूरी करके बिना पैसे दिए ही वहा से चला गया। गंगू ने उस आदमी की पूरी जानकारी निकाली तब गंगू को पता चला की ये आदमी मुंबई के डॉन करीम लाला के साथ काम करता हे और करीम लाला हर किसी की मदत करता हे। वह सबके साथ हमेशा इनसाफ करता हे।
गंगुबाई ने करीम लाला के पास जाकर मदत की होकार लगायी। गंगू ने शौकत खान की वो हरकत लाला को बताई उसके बाद करीम लाला ने उसकी हमेशा रक्षा करने का प्रण लिया। शौकत खान ने जो गंगुबाई के साथ अत्याचार किया उसके बदले करीम लाला ने शौकत को कड़ी सजा दी। करीम लाला को राखी बांध कर गंगुबाई करीम लाला की मुह बोली बहन बन गयी। उसी दिनसे कमाठीपुरा में गंगुबाई को लेडी डॉन नाम से भी जाना जाने लगा। लोग जितना करीम लाला से डरते थे अब वो उतना ही गंगुबाई से भी डरने लगे। धीरे धीरे वह मुंबई में प्रचलित होती गयी।
वेश्याओं केलिये सकारात्मक काम
गंगुबाई ने मुंबई में काम करने वाली वेश्याओं केलिये कइ सकारात्मक काम किये। आजाद मैदान की सभा मे गंगुबाई ने कहा था अगर मुंबई में वेश्या काम करने वाली औरते ना हो तो मुंबई की आम औरतो को घरसे बाहर निकलना भी मुश्किल हो जायेगा। गंगुबाई भले ही वेश्या वृत्ति में पूरी तरह से रंग चुकी थी। लेकिन वह हमेशा अपने कोठे पर किसी भी ऐसी औरत को धंधा करने नही रखती थी जिसका वहा पर काम करने का या रहने का मन ना हो।
गंगूबाई काठियावाड़ी के बारे में कुछ खास बाते
- गंगुबाई का असली नाम गंगा हरजीवनदास कठियावाडी था।
- मुंबई के कमाठीपुरा रेड लाइट एरिया में उन्हें गंगू नाम से जाना जाने लगा।
- गंगुबाई मुंबई की पहली महीला डॉन थी।
- समय के साथ गंगुबाई ने इतना पैसा कमाया की खुद केलिए उसने बेंटले कंपनी की कार खरीदी थी।
- कमाठीपुरा रेड लाईट एरिया को हटाने के खिलाफ गंगुबाई ने पंडित जवाहरलाल नेहरु से मुलाकात की थी।
- गंगू ने वेश्याओं के साथ-साथ उन्होंने छोटे अनाथ बच्चो केलिए भी बड़े बड़े काम किये।
- गंगू ने मुंबई में वेश्याओं के आंदोलन में स्वयंम वेश्याओं का नेतृत्व किया।
- करीम लाला की मुह बोली बहन होने की वजह से उने मुंबई की माफिया क्वीन कहा जाने लगा।
- कमाठीपुरा की वेश्याये आज भी अपने कमरे मे गंगुबाई की तसवीर लगाती हे।
- गंगुबाई की जीवन पर हुसेन जैदी ने "माफिया क्वीनस ऑफ़ मुंबई" नामक किताब लिखी हे।
गंगुबाई काठियावाड़ी के जीवन पर बन रही फिल्म
गंगुबाई काठियावाड़ी के जीवन पर बहोत जल्द ही बॉलीवुड फिल्म बनायी जा रही हे। गंगुबाई की कहानी हमें बड़े परदे पर दिखाई जाएगी। फिल्म को मशुर डायरेक्टर संजय लीला भंसाली इस फिल्म को डायरेक्ट कर रहे है। फिल्म में गंगुबाई का किरदार आलिया भट्ट कर रही हे। इस फिल्म के जरीये मुंबई की माफिया क्वीन गंगुबाई के जीवन के बारे में हमें पता चलेगा। फिल्म में एक तरफ गंगुबाई के जीवन की तकलीफे और दुसरी तरफ उसका साहस दर्शाया जायेगा। साथ ही हमें मुंबई में मौजूद रेड लाइट एरिया की असलियत भी बड़े पर्दे पर देखने को मिलेगी। अभी तक फिल्म की कास्टिंग पूरी नही हुयी फिल्म में हमें अजय देवगन, रणबीर कपूर को भी देखने को मिल सकता हे।
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