राहत इंदौरी का जीवन परिचय | rahat indori biography in hindi

   Rahat Indori का जीवन परिचय

राहत इंदौरी का जीवन परिचय
Source:Wikipedia                                                                                                


मशहूर शायर "राहत रफ्तुल्लाह कुरैशी" का जन्म  1 जनवरी 1950 को इंदौर में हुआ। इंदौर में जन्म होने से आगे चलकर लोगो ने उन्हें "राहत इंदौरी" नाम से नवाजा। अपने पिता रफ्तुल्लाह कुरैशी और मकबूल उन निशा बेगम उन दोनों की वो चौथी संतान हैं। उन्होंने इस्लामिया करीमिया कॉलेज इंदौर से 1973 में अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की और 1975 में बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल से उर्दू साहित्य में एमए किया। कुछ सालो बाद 1985 में मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। उसके बाद देवी अहिल्या कॉलेज इंदौर यहाँ उन्होंने कुछ समय उर्दू प्राध्यापक के रूप में काम किया।

निजी जीवन  

राहत के परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। जिस वजह से उन्हें शुरवाती दिनों में काफी मुश्किलें झेलनी पड़ी। जिस वजह से १० साल की कम उम्र में ही वो अपने शहर में बोर्ड-पेंटर के रूप में काम करने लगे। चित्रकारी में उनकी काफी रूचि थी। जिस वजह से थोड़ी ही समय में शहर में उनका नाम हो गया। ग्राहकों को राहत द्वारा चित्रित बोर्ड को पाने में महीनो तक इंतजार करना भी स्वीकार था। उनके बनाये चित्रित बोर्ड आज भी  इंदौर की दुकानों में देखे जा सकते हे।

निधन 

इंदौर के श्री. अरबिंदो इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस नाम के अस्पताल में 9 अगस्त को उन्हें भरती किया गया था। १० अगस्त को उन्हें कोरोनावायरस संक्रमित होने के बारे में पता चला। ११ अगस्त को 2020 को उनका अस्पताल में ही उपचार के दौरान निधन हो गया।

राहत इंदौरी के बारे में कुछ खास जानकारी

  1. राहत अपने कॉलेज के दिनो मे खेल में रूचि रखते थे। वह कॉलेज की हॉकी और फुटबॉल टीम के कप्तान भी रह चुके थे।
  2. कॉलेज के दिनोमे अपनी पहली शायरी सुनाई थी तब वह सिर्फ १९ साल के थे।
  3. अपने जीवन के दस साल उन्होंने आवारगी में बिताये थे। क्युकी वह समज नही पा रहे थे जीवन में क्या किया जाए। यहां-वहां घूमते हुए उन्होंने अपने जिन्दगी के १० साल गुजार दिए। हालाकि अपने दोस्तों से प्रोत्साहित होकर उन्होंने बाद में उर्दू साहित्य में अपना मन लगा दिया।
  4. उनके लिखे गये ११ से ज्यादा गानों को हिंदी फिल्मो में इस्तमाल किया गया।
  5. "द कपिल शर्मा" शो में उन्हें आमंत्रित किया गया।

प्रदर्शन

डॉ. राहत इंदोरी ने पिछले ४० से ४५ साल में बहोतसे कवी सम्मेलन किये। उन्होंने देश में ही नही बल्की विदेश में भी कवी सम्मेलनो ke प्रोग्राम में वो शामिल हुए। सोनी टीवी चानेल के "द कपिल शर्मा" शो और सब टीवी चानेल के "वाह वाह क्या बात हे" जैसे प्रोग्राम में वो आमंत्रित किये गये। उनकी "बुलाती हे मगर जाने का नही" रचना 2020 साल में टिक टोक, फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मिडिया पर वायरल हो गयी थी।

राहत इंदौरी की 11 सबसे लोकप्रिय शायरी                           

                                     1.
                    बुलाती हे मगर जाने का नही 
                    ये दुनिया हे डर जाने का नही
                           किसी से इश्क कर 
                   मगर हदसे गुजर जाने का नही 

                                     2.
में यही कहुगा! की गुलाब, खाव्ब, दवा, ज़हेर, जाम क्या क्या हे
            मैं आ गया हु, बता इन्तेजाम क्या क्या हे 

                                     3.
मोम के पास कभी आग को लाकर देखु
सोचता हूँ के तुझे हाथ लगा के देखू  

                                                                                                                           4.
              तुफानो से आख मिलाओ, सैलाबों पर वार करो 
          मल्लाहों का चक्कर छोडो, तेर के दरिया पार करो 

                                                                                                                           5.
        फूलों की दुकानें खोलो, खुशबु का ब्योपार करो 
     इश्क खता हे, तो ये खता एक बार नही सो बार करो 

                                                                                                                           6.
              किसने दस्तक दी इस दिल पर, कोण हे
                 आप तो अन्दर हे, बाहर कोण हे 

                                                                                                                           7.
             राज़ जो कुछ हो, इशारों में बता भी देना
            हाथ जब उन से मिला ना, तो दबा भी देना 

                                                                                                                          8.
             अपनी पहचान मिटाने को कहा जाता हे 
              बस्तिया छोड़ के जाने को कहा जाता हे
              पत्तीया तो गिरा देती हे जहरीली हवा
               और हमें पेड़ लगाने को कहा जाता हे 

                                                                                                                         9.
         जब में मर जाऊ तो मेरी अलक पहचान लिख देना 
        लहू से मेरी निशानी पर हिन्दुस्तान लिख देना हे 

                                                                                                                       10.
         जुबां तो खोल, नजर तो मिला, जवाब तो दे
           में कितनी बार कहू मुझे हिसाब तो दे 

                                 11.
           तेरा सवाल हे साकी, ये जिन्दगी क्या हे
             जवाब देता हु! पहले मुझे शराब तो दे     
 

उनके लिखे प्रसिद्ध गीत

राहत इंदौरी ने बहोत सी हिंदी फिल्मो केलिए गाने लिखे वो कुछ इस प्रकार हे :-

    नीद चुराई मेरी (इश्क)  

    देखो देखो जानम (इश्क)  
            
    तुमसा कोई प्यारा कोई मासूम नहीं है (फ़िल्म- खुद्दार)

    खत लिखना हमें खत लिखना (फ़िल्म- खुद्दार)

    रात क्या मांगे एक सितारा (फ़िल्म- खुद्दार)

    दिल को हज़ार बार रोका (फ़िल्म- मर्डर)

    एम बोले तो मैं मास्टर (फ़िल्म- मुन्नाभाई एमबीबीएस)

    धुंआ धुंआ (फ़िल्म- मिशन कश्मीर)

    ये रिश्ता क्या कहलाता है (फ़िल्म- मीनाक्षी)

    चोरी-चोरी जब नज़रें मिलीं (फ़िल्म- करीब)

    देखो-देखो जानम हम दिल (फ़िल्म- इश्क़)

    नींद चुरायी मेरी (फ़िल्म- इश्क़)

    मुर्शिदा (फ़िल्म - बेगम जान)

    आज हमने दिल का हर किस्सा (फ़िल्म- सर)


उनकी लिखी किताबे

  • रुत 
  • दो कदर और सही 
  • मेरे बाद 
  • धुप बहुत हे 
  • चाँद पागल हे 
  • मौजूद 
  •  नाराज 


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